गर्मी के दिन थे उसके किसी बैल ने वह पानी पी लिया ,और वह वहीं पर बेहोश कर गिर गया। गर्मी के दिन थे उसके किसी बैल ने वह पानी पी लिया ,और वह वहीं पर बेहोश कर गिर गया...
"फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे। "फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे।
मेरे किनारे अब स्वच्छ है, जिसे देखकर मुझे खुशी होती है मेरे किनारे अब स्वच्छ है, जिसे देखकर मुझे खुशी होती है
शहतूत पक गये हैं! शहतूत पक गये हैं!
हम गरीब है लाचार नहीं मदद करो साहब प्रचार नहीं। हम गरीब है लाचार नहीं मदद करो साहब प्रचार नहीं।
इस पानी के भीतर की व्यथा को कहने के लिए, एक और लाश को फंदे पे झुलाने की तैयारी में... इस पानी के भीतर की व्यथा को कहने के लिए, एक और लाश को फंदे पे झुलाने की तैयारी म...